सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
साहिबाबाद। थाना साहिबाबाद पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर करहैड़ा गांव में वाल्मीकि समुदाय के कुछ परिवारों द्वारा हाथरस की घटना से कथित रूप से प्रभावित होकर धर्मांतरण कर बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है ।
अपर पुलिस अधीक्षक द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पप्पू कॉलोनी निवासी मोंटू चंदेल की शिकायत पर अज्ञात लोगों एवं संगठनों के खिलाफ थाना साहिबाबाद में आईपीसी की धारा 153 ए व 505 के अंतर्गत बुधवार को रिपोर्ट लिखाई गई है तथा विवेचना जारी है। आरोप लगाया गया है कि करेहड़ा गांव के कुछ बाल्मीकि परिवारों के 50 परिवारों के 236 लोगों ने हाथरस कांड की कथित ज्यादतियों को लेकर हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है। इस कृत्य से कुछ लोग और संगठन समाज में जातीय हिंसा और विद्वेश फैलाने की मंशा रखते हैं । इस मामले की जांच जारी है और जांच उपरांत विधिक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि करहैड़ा गांव के 50 के करीब परिवारों के 236 लोगों के हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने की खबर मीडिया में आई थी जिसमें बताया गया था कि करहैड़ा गांव के किसी पवन कुमार के नेतृत्व में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र राजरत्न अंबेडकर ने इन परिवारों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी है । क्योंकि यह लोग हाथरस कांड की वजह से समाज में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। यहां यह भी गौरतलब है कि इस मामले को उछालने में कुछ राजनीतिक संगठनों और स्थानीय लोगों का नाम प्रकाश में आ रहा है कि वे मामले को तूल देकर हाथरस के मामले को गर्म रखना चाहते हैं।
यहां यह भी गौरतलब है कि इस मामले के मीडिया में आने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल करहैड़ा गांव में आया था और लोगों से पूछताछ की थी। तब प्रशासनिक अधिकारियों ने यह बताया था कि मामला झूठा है ,धर्मांतरण की खबर कोरी अफवाह है, प्रमाण पत्र पर पता और नाम तथा दिनांक भी अंकित नहीं है। कुछ लोग जातिगत हिंसा फैलाने और लोगों में विद्वेष फैलाकर उत्तर प्रदेश को जातिगत हिंसा में झोंकना चाहते हैं।
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