- डीयू द्वारा अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएँ रद्द करने को सुनिश्चित करने के लिए यूजीसी से हस्तक्षेप की मांग की
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज अन्य संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतिम सेमेस्टर/वर्ष के छात्रों की परीक्षाएँ करवाने के फैसले को रद्द करने की मांग के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
ज्ञात हो कि देश-भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों की परेशानियों को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने यूजीसी को परीक्षा के संबंध में दिशा-निर्देशों को बदलने को कहा है। साथ ही, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय कुलपति की अध्यक्षता में यूजीसी की एक एक्सपर्ट कमिटी ने भी अंतिम सेमेस्टर - वर्ष के छात्रों की ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा रद्द करने की अनुशंसा की है। इन स्वागत-योग्य कदमों के बावजूद अभी भी दिल्ली विश्वविद्यालय का रुख छात्रों और शिक्षकों की परेशानियों के संबंध में उदासीन बना हुआ है। इसके विपरीत 4 जुलाई से डीयू ‘मोक टेस्ट’ करने जा रहा है। इस बाबत एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने यूजीसी के जाइंट सेक्रेटरी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और यूजीसी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
ज्ञात हो कि छात्रों और शिक्षकों ने ओपन बुक परीक्षा के प्रति अपनी व्यापक समस्याएँ जताई हैं। डूटा और विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा करवाए गए सर्वेक्षणों से साफ जाहिर है कि न छात्र और न ही शिक्षक ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में हैं। विभिन्न परेशानियाँ जो सामने आई हैं, उनमें सिलेबस का अधूरा होना, किताबों एवं अन्य स्टडी मटेरियल की अनुपलब्धता के साथ ऑनलाइन परीक्षा देने के साधन तक पहुँच न होना, सबसे मुख्य हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये गए कई ज्ञापनों में केवाईएस एवं अन्य संगठनों ने लॉकडाउन और कोरोना महामारी के चलते छात्रों और उनके परिवारों को हो रही समस्याएँ को भी इंगित किया है। इसके अतिरिक्त, अधूरी पढ़ाई और लॉकडाउन के दौरान बेहद ही खराब स्थिति होने के कारण बहुसंख्यक छात्रों के लिए पढ़ाई करना लगभग असंभव रहा है। ऐसे में ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षाएँ न तो करवाना संभव है, और न ही इसकी जरूरत है। परंतु, डीयू प्रशासन छात्रों और शिक्षकों की समस्याओं पर उदासीन रवैया अख्तियार किए हुए है।
केवाईएस ने यूजीसी कमिटी की अनुशंसा अनुसार डीयू में तुरंत अंतिम सेमेस्टर - वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले को रद्द करने की मांग की है।
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