विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज सत्र 2020-21 की आवेदन प्रक्रिया से संबंधित समस्याओं को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा। केवाईएस ने अपने ज्ञापन में डीयू में दाखिला लेने हेतु आवेदन करते वक्त राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) के छात्रों को हो रही समस्या के बारे में अवगत करवाया।
देश भर में लाखों की संख्या में छात्र एनआईओएस द्वारा करवाए गये बोर्ड की परीक्षा में बैठे हैं। लेकिन अब तक एनआईओएस के परिणाम घोषित नहीं किए गये हैं। इस मुद्दे को लेकर एनआईओएस के कुछ छात्रों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, और बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने (एनआईओएस) को 7 अगस्त, 2020 तक परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
ऐसी परिस्थिति में, डीयू के आवेदन की अंतिम तिथि 18 जुलाई होने के कारण, परीक्षा के परिणाम घोषित होने में देरी होने के चलते एनआईओएस के छात्र डीयू में दाखिला लेने से वंचित होंगें, जो उनके भविष्य को अंधेरे में डालेगा। ज्ञात हो कि एनआईओएस में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र समाज के वंचित वर्ग से आते हैं और वे मुख्यधारा की औपचारिक शिक्षा से भी वंचित हैं। ऐसे में परीक्षाओं के परिणाम नहीं निकलने के चलते अगर उन्हें डीयू में आवेदन करने से वंचित किया जा रहा है, तो यह उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। साथ ही डीयू में दाखिला करते वक्त बहुत से छात्रों को प्रमाणपत्र से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते छात्रों को जाति-आय प्रमाणपत्र बनवाने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र दस्तावेजों की कमी के चलते एडमिशन फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं।
केवाईएस ने अपने ज्ञापन में डीयू प्रशासन से माँग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को आगे अगस्त के दूसरे सप्ताह तक बढ़ाया जाए, ताकि एनआईओएस के लाखों छात्रों को दाखिला लेने का मौका मिल सके और लॉकडाउन के चलते दस्तावेजों की कमी के कारण आवेदन करने से वंचित छात्रों को राहत मिल सके। केवाईएस समाज के वंचित तबके से आने वाले छात्रों को मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है और भविष्य में अपने आंदोलन को तेज करेगा।
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