- हजारों छात्र कौमी सौहार्द के संदेश के साथ मार्च में हुए शामिल, शहर में शांति की अपील की
- केवाईएस ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग उठाई
- दंगा और हिंसा भड़काने वाले भाजपा नेताओं और दंगाइयों का साथ देने वाले पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार करने की भी उठाई मांग
सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
नई दिल्ली। आज क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) कार्यकर्ताओं ने अन्य प्रगतिशील संगठनों और शांतिप्रिय नागरिकों के साथ मिलकर शहर में शांति का अपील करते हुए धरने में हिस्सेदारी निभाई। यह मार्च आर्ट्स फैकल्टी पर खत्म हुआ और इसमें हजारों की संख्या में आम छात्र शामिल हुए।
दिल्ली में बीते चार दिनों में भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषणों के कारण सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। रिपोर्टों के अनुसार उत्तर-पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों में करीब 37 लोगों की मौत हो चुकी है। केवाईएस सामप्रदयिक हिंसा भड़काने और लोगों की हत्या के जिम्मेदार लोगों की कड़ी भर्त्सना करता और उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग करता है। साथ ही, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों की भी भर्त्सना करता है जो सामप्रदयिक भीड़ के साथ लोगों पर पत्थर फेंकने और उन्मादी भीड़ के साथ खड़े रहने के दोषी हैं।
ज्ञात हो कि पिछले 2 महीनों से दिल्ली और देश के विभिन्न शहरों में विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। दिल्ली में इन प्रदर्शनों को महिलाएं नेतृत्व दे रही हैं और बिलकुल शांतिपूर्ण ढंग से यह प्रदर्शन हो रहे हैं। मगर, भाजपा नेता और उनके द्वारा पाले जाने वाली सांप्रदायिक ताकतें लगातार इन शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को खत्म करने की कोशिश करते रहे हैं। कई मौकों पर इन प्रदर्शनों में धमकाते हुए हथियार लहराए गए हैं और गोलियां चलायी गयी हैं, मगर पुलिस प्रशासन पूरे तरह से उदासीन रवैया अख्तियार किए रहा है।
भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे और नफरत की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए, पिछले रविवार को भाजपा के एक इलाकाई नेता कपिल मिश्रा द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को जबरदस्ती हटाने का खुला ऐलान किया गया था। उसके साथ मौजूद सांप्रदायिक भीड़ के पास लाठियाँ और ईटें थीं, और उसकी बेहद भड़काऊ और सांप्रदायिक नारों की रिपोर्टें और फोटो मौजूद हैं। इस उन्मादी भीड़ को न रोकने और उसके साथ खड़े रहने से ही उसके हौसले बुलंद हुए और इस भीड़ ने शहर की तमाम जगहों पर दंगे भड़काने का काम किया। इसके बाद हुई खूनी हिंसा में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों समुदायों के मेहनतकश लोगों की हत्या हुई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए।
केवाईएस केन्द्रीय गृह मंत्री, अमित शाह का दंगे न रुकवाने के लिए इस्तीफे की मांग करता है। साथ ही, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और केन्द्रीय गृह मंत्रालय से मांग करता है कि वो दोनों समुदायों के बीच शांति और अमन कायम करने की जल्द-से-जल्द कोशिश करे। केवाईएस इस मामले में कदम उठाने में देरी की भी कड़ी भर्त्सना करता है जिसके कारण ही इन दंगों ने इतना विकराल रूप लिया और उन पुलिसकर्मियों का बर्खास्त करने और कड़ा कदम उठाने की मांग करता है जिन्होंने दंगाइयों का साथ दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिनसे लोगों को बहुत उम्मीदें थीं, उनसे गम और भय के इस मौके पर लोग धोखा पाये हुए महसूस कर रहे हैं। केवाईएस दिल्ली के नागरिकों से भी अपील करता है कि वो शांति का पैगाम फैलाएँ और उन असुरक्षित लोगों की मदद करें जिनको दंगों में सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
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