- जेएनयू में छात्र-शिक्षकों पर एबीवीपी के हमले की कड़ी भर्त्सना की
- केवाईएस ने तुरंत सीएए कानून को वापस लेने की मांग उठाई और एनआरसी की भर्त्सना की
सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
नई दिल्ली । क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) कार्यकर्ताओं ने आज अन्य प्रगतिशील संगठनों जिनमें आइसा, एसएफआई, पछास, कलेक्टिव, पिंजरातोड़ एवं अन्य शामिल थे, के साथ डीयू में आयोजित छात्र-हड़ताल में हिस्सेदारी निभाई । खराब मौसम होने के बावजूद इस हड़ताल में 5 हजार से भी ज्यादा आम छात्रों ने शिरकत की ।
ज्ञात हो कि जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर एबीवीपी के हालिया हमले, और देश भर में आम नागरिकों और छात्रों पर सीएए और एनआरसी का विरोध करने पर किए गए दमन के खिलाफ यह हड़ताल डीयू के प्रगतिशील संगठनों द्वारा आयोजित की गयी थी।
छात्र हड़ताल आज अखिल भारतीय मजदूर हड़ताल के समर्थन में भी की गयी थी जो भाजपा सरकार द्वारा मजदूर-विरोधी कानून लाने के खिलाफ आयोजित थी। ज्ञात हो कि भाजपा सरकार 44 श्रम कानून को घटाकर 4 श्रम कोड में तब्दील कर रही है। साथ ही, वो काम के घंटों में बढ़ोत्तरी और काम की जगहों के सरकारी निरीक्षण को खत्म भी कर रही है। इससे पहले से ही शोषित मजदूरों के शोषण में और भी ज्यादा बढ़ोत्तरी होगी। इन नीतियों को लाने के लिए ही भाजपा सरकार देश भर में मजदूरों को धर्म और समुदाय के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है। अपने इन मंसूबों के अतिरिक्त, भाजपा सरकार देश भर में छात्रों और सभी जनतांत्रिक आंदोलनों का दमन कर रही है। देश में इस स्थिति को अघोषित आपातकाल कहा जा सकता है जहां सरकार लोगों पर बदले की भावना से लैस होकर लोगों पर हमला कर रही है।
केवाईएस कड़े शब्दों में जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर एबीवीपी के हमले की भर्त्सना करता है, जो कि बिना जेएनयू प्रशासन की आज्ञा और पुलिस की मदद के संभव नहीं है।
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