कार्यकर्ताओं ने तुरंत निर्भया फंड आवंटित करने और देश के सभी जिलों में निर्भया केंद्र बनाए जाने की मांग उठाई
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अन्य महिला संगठनों जिनमें संघर्षशील महिला केंद्र (सी.एस.डबल्यू), एआईडीडबल्यूए, एआईपीडबल्यूए, एआईएमएसएस, एनएफआईडबल्यू, प्रगतिशील महिला संगठन (पीएमएस), एवं अन्य संगठनों जैसे नॉर्थ-ईस्ट फोरम फॉर इंटरनेशनल सोलीडारिटी (नेफिस), आइसा, एसएफआई, इत्यादि के साथ मिलकर हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप की घटना के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है और इसके खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
ज्ञात हो यह घटना तब हुई जब महिला डॉक्टर रात 9: 15 के करीब अपने घर लौट रही थी। इस समय चार बलात्कारियों ने उसे मदद करने के बहाने रोका और उसके साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी। हैवानियत की इंतहा यह थी कि आरोपियों ने डॉक्टर की लाश को जलाकर एक फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया था। इस पूरी घटना में पुलिस ने उदासीनता दिखाई और त्वरित कार्यवाई न करते हुए पीड़िता के परिवार को बाद में आने के लिए कहा। अभी तक सामने आई बातों के अनुसार अगर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की होती तो पीड़िता को जिंदा बचाया जा सकता था।
पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाई में देरी और मामले को टालने की यह पहली घंटना नहीं है। पुलिस द्वारा टाल-मटोल और आरोपियों पर सख्त कार्यवाई मे देरी का ही उदाहरण है कि उन्नाव बलात्कार कांड आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पीड़िता को प्रताड़ित कर मामले को दबाने के प्रयास करते रहे। बलात्कार आरोपी चिन्मयानन्द द्वारा भी बलात्कार पीड़िता को ही फंसा कर जेल में डलवा दिया गया है। विभिन्न मामलों में सामने आया है कि अपनी सामाजिक दबंगाई, राजनैतिक पहचान और आर्थिक प्रभुत्व के कारण बलात्कारी न केवल सजा पाने से बच जाते हैं बल्कि पीड़िता व उनके परिवार जनों को ही डरा-धमकाकर मामले को रफा-दफा करने की पुरजोर कोशिश की जाती है। बलात्कार के मामलों पर बेहद कम सजा दर के कारण बलात्कारी सीना-तान कर घूम रहे हैं। एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जहां पर अपराधी भयमुक्त होकर बलात्कार के कांड को अंजाम दे रहे हैं और महिलाएं यौन हिंसा के डर से सहम के जीने को मजबूर हैं। निर्भया कांड के बाद उभरे जनआंदोलन के दबाव में जस्टिस वर्मा समिति की गठन हुई, जिस समिति के द्वारा यौन शोषण के रोकथाम के लिए कई सुझाव दिये गए। विडम्बना है कि जस्टिस वर्मा समिति कि कई अनुशंसा आज भी ठंडे बस्ते में पड़ी हैं।
ज्ञात हो कि इस विषय में केंद्र सरकार द्वारा जरूरी आवंटन को भी पूरी तरह नजरंदाज किया गया है। निर्भया बलात्कार कांड के बाद भारत के हर जिले में यौन पीड़िताओं की सहायता के लिए निर्भया केंद्र खोले जाने थे, लेकिन आज तक यह केंद्र नदारद हैं।
केवाईएस मांग करता है कि पीड़िता के परिवार की शिकायत न लिखने वाले सभी पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाला जाए और उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। साथ ही, देश के सभी जिलों में जल्द-से-जल्द निर्भया केंद्र खोले जाएँ ताकि पीड़िताओं को चिकित्सीय और कानूनी मदद मिल सके। केवाईएस यह भी मांग करता है कि पुलिसकर्मियों पर निगरानी के लिए सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ।
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