सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
वसुंधरा । वसुंधरा स्थित मेवाड़ संस्थान में चल रही श्रीराम कथा के छठे दिन मानस मर्मज्ञ संत अतुल कृष्ण भारद्वाज ने गुरु महिमा से कथा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि चार वस्तुओं स्वास्थ्य, जीवन, परिवार और प्रतिष्ठा गुरु के माध्यम से ही प्रभु प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि शास्त्र आपके जीवन पर शासन करता है। आप शास्त्रों के अनुसार ही जीवन यापन करते हैं। गुरु मन पर काम करता है। गुरु आपका मन मांगता है। जो तन मांगे वह गुरु नहीं। शास्त्र और गुरु मन की ही कामना करते हैं। गुरु और शास्त्रों से शिक्षा लेकर जब आप विश्लेषण करके जीने लगते हो तो आप हंस बन जाते हो। इसलिए विश्लेषण करने की क्षमता स्वयं में पैदा कीजिये। जब से श्रीराम विवाह करके अयोध्या आये, तब से सुख ही सुख बरसने लगता है। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कैकेयी-मंथरा संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद, राम वनगमन कथा का बड़ा मार्मिक चित्रण किया। जिसे सुनकर सभी श्रोताओं के नैन सजल हो गए। देर तक सबकी आँखों में नमी बनी रही।
इससे पूर्व मानस पूजन में जजमान मेवाड़ संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार गदिया, महासचिव अशोक कुमार सिंघल, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, नरेंद्र प्रधान, पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह शिशौदिया, नंद शर्मा, अनिल, आरपी वाष्र्णेय, सुभाष यादव, ईश्वर, डॉ. चेतन आनंद आदि शामिल हुए।
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