- आदिवासियों को उनकी जमीन से निकालने के आदेश को कहा दुर्भाग्यपूर्ण, सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश पर रोक का किया स्वागत।
- केवाईएस ने कॉर्पोरेट घरानों द्वारा आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किये जाने के खिलाफ सख्त कानून बनाने की उठायी मांग
नई दिल्ली, ( विशेष संवाददाता ) क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आदिवासी अधिकारों के लिए किये गए मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मार्च का समर्थन किया। ज्ञात हो कि यह रैली सर्वोच्च न्यायालय के 13 फरवरी के उस आदेश के खिलाफ निकाली गयी जिसके तहत 16 राज्यों को करीब 11 लाख आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किये जाने का आदेश दिया गया था। अब इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगा दी गयी है।
ज्ञात हो कि यह आदेश उस समय आया है जब देश के संसाधनों को सरकार द्वारा कॉर्पोरेट घरानों को लूटने की पूरी आजादी दी जा रही है। आदिवासियों को उनके अधिकारों और जमीन से बेदखल करने के पीछे सरकार द्वारा अनेक नीतियाँ बनाई जा रही हैं। यह आदेश भी इसी लिए पारित हो पाया क्योंकि सरकार द्वारा बचाव पक्ष लचर था। आज देश में सरकार की नीतियों के कारण गरीबी में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इसी संदर्भ में आदिवासियों की जमीन और रोजगार छीनकर सरकार उन्हें शहरों में आने को मजबूर कर रही है जहां वो सबसे अर्थव्यवस्था के सबसे निचले पायदान के मजदूर बनने को मजबूर होंगे।
आदिवासियों को उनकी जमीन से हटाने के पीछे राज्य सरकार और कॉर्पोरेट घरानों की मिलीभगत जिम्मेदार है। ज्ञात हो कि खनिज पदार्थो से भरे इन इलाको पर कॉर्पोरेट घरानों की काफी समय से नजर है। इसी बीच हरियाणा सरकार द्वारा अरावली में निर्माण करने का रास्ता खोल दिया गया है, ताकि बिल्डरों और कॉर्पोरेट फायदा लूट सकें। क्रांतिकारी युवा संगठन(केवाईएस) सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का स्वागत करता है और सरकार की आदिवासी-विरोधी नीतियों की भर्त्सना करता है। साथ ही, केवाईएस यह मांग करता है कि पूंजीपति घरानों द्वारा देश के संसाधनों के अवैध दोहन को रोकने के लिए सख्त कानून बनाये जाए।
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