नयी दिल्ली । पुलवामा हमले के बाद जम्मू- कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने वाले संगठनों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में जुटी केन्द्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर (जेईआई -जे एंड के) पर प्रतिबंध लगाकर वास्तव में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेन्स की कमर तोड़ी है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने जेईआई -जे एंड के पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को गुरूवार को मंजूर किया था। सरकार को संगठन की गैर कानूनी गतिविधियों का पता चलने के बाद यह प्रतिबंध गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम 1967 की धारा 3 (1) के तहत लगाया गया है। जेईआई पर प्रतिबंध लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के गठन के लिए जिम्मेदार है यही नहीं उसके कुछ कार्यकर्ता हिज्बुल में भर्ती होते रहे हैं। हिज्बुल को जेईआई की आतंकवादी शाखा माना जाता है।
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