प्रयागराज । विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव कुम्भ मेला के आगाज से पहले निकली श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा की लकझक पेशवाई में महामण्डलेश्वर के रथ पर शिव ताण्डव ने गंगा किनारे लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित किया।
सनातन धर्म की समृद्ध परम्परा और संस्कृति के दिव्य, भव्य और अलौकिक झांकी में हाथी, घोड़ा, पालकी और बैंड बाजों से सजी लकझक पेशवाई में जहां नागा सन्यांसियों का समूह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था वहीं दूसरी तरफ श्री कृष्ण निवास आश्रम के रथ पर आरूढ़ महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी गिरबर गिरी महराज के सामने शिव रूप में गले में नाग लपेटे शिव ताण्डव देख सड़क के दोनो किनारो पर खड़े श्रद्धालुओं ने दोनो हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इस दौरान कुछ बुजुर्ग लोगों को किनारे शिव स्त्रोत पाठ करते भी देखा गया।
रथ पर सवार भस्म से विभूषित शिव रूप धारण किये भक्त ने आस-पास के श्रद्धालुओं का मनमोह लिया। गंगा के किनारे रथ के पहुंचने पर श्रद्धालु रथ पर पुप्ष वर्षा करने लगे। शिव रूप में ताण्डव नृत्य कर रहे भक्त के गले में जीवित नाग देख कुछ महिला श्रद्धालुओं की चीख निकल पड़ी। उनका कहना था कि यह तो शिव बारात नजर आ रही है।
जिसमें घोड़ा, हाथी, ऊंट, सांप लम्बी लम्बी जटाओं वाले नागा सन्यासी मानो बाराती के रूप में आगे-पीछे चल रहे हैं।
गंगा किनारे शिव के सिर पर लम्बी काली जटाओं का फैलाव कल-कल करती बहती गंगा को अपनी जटाओं में समेटने काे आतुर नजर आ रही थी। गंगा किनारे ठंड़ी हवाओं की तेज सरसराहट मानो शिव की जटाओं में गंगा अपने पूरे वेग से उठकर सिमटने को तैयार हों। इस अद्भुत और मनोहरी दृश्य को मीड़िया समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने कैमरे और मोबाइल में कैद किया।
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