नयी दिल्ली । सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों - बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक- के विलय को औपचारिक मंजूरी दे दी है जाे एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होगा और इससे देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। पहले इस विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी थी लेकिन अब सरकार ने औपचारिक मंजूरी दी है। इसके तहत विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होगा और इसके बाद विलय वाला बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक हो जायेगा।
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये कहा कि इस विलय से वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बैंक बनेगा। इससे बैंक का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही कम लागत पर जमा के अतिरिक्त तीनों बैंक की सहयोगियों के बीच बेहतर तालमेल से उत्पादकता बढ़ने और ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी। देश में पहली बार सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों का विलय होगा जिससे राष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।
उन्होंने कहा कि इस विलय से बैंक का ग्राहक आधार बढ़ेगा। इस विलय में विजया बैंक और देना बैंक के सभी कारोबार, संपदा, अधिकार, टाइटल, दावे, लाइसेंस, अनुमोदन और अन्य अनुमतियां तथा सभी संपत्ति, सभी उधारी, देनदारियां बैंक ऑफ बड़ौदा को हस्तातंरित किया जायेगा।
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