सीबीआई की विशेष अदालत ने तत्कालीन ब्रिगेडियर कर्नल जगजीत सिंह, उनकी पत्नी, बेटी व सूबेदार मेजर समेत 13 आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। वहीं 11 अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
गाजियाबाद, ( सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो ) आगरा सेना भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) उसकी पत्नी व बेटी समेत 13 दोषियों को सजा सुनाई है। इनमें मुख्य आरोपी तत्कालीन ब्रिगेडियर जगजीत सिंह को साढ़े चार साल की सजा, जबकि उनकी पत्नी और बेटी को साढ़े तीन साल सजा सुनाई गई है। वहीं सूबेदार मेजर समेत अन्य 10 दोषियों को कोर्ट ने साढ़े की सजा सुनाई है।
इसके अलावा ब्रिगेडियर पर 25 हजार जुर्माना और अन्य पर 10-10 जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि इस मामले में कुल 27 आरोपितों में 2 को जुबेनाइल और एक आरोपी की मौत होने के बाद 24 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला था। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने तत्कालीन ब्रिगेडियर, उनकी पत्नी, बेटी व सूबेदार मेजर समेत 13 आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 11 अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था।
क्या था आगरा सेना भर्ती घोटाला?
आगरा के ब्रांच रिक्रूटमेंट ऑफिस (बीआरओ) में 26 मई 1991 को तत्कालीन कर्नल जगजीत सिंह के देखरेख में सेना भर्ती परीक्षा हुई थी। उत्तर पुस्तिका जांच के लिए लखनऊ भेजी गईं थी। जांच में सभी उत्तर पुस्तिकाओं की हैंड राइटिंग एक जैसी पाई गईं। शक होने पर इसकी जांच इलाहाबाद में तैनात कर्नल अहलावत को सौंप दी गई। इसके बाद बीआरओ ने संदिग्ध कापियों को चिह्नित किया और उनके अभ्यर्थियों से दोबारा टेस्ट देने के लिए बुलाया गया।
इसमें सभी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी फेल हो गए। मामले को सीबीआई के लिए सौंप दिया गया। इसके बाद 1993 सीबीआई में देहरादून में केस दर्ज हुआ था। वर्ष 2000 में चार्जशीट दाखिल की गई। आरोप है कि सेना भर्ती परीक्षा में सेना के अधिकारियों की साठगांठ से फर्जीवाड़ा किया गया। परीक्षार्थियों की उतर पुस्तिका बदल दी गई या कापियां दूसरे लोगों से लिखवाई गईं।
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