सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
इंदिरापुरम । अधिकारियों के लाख निर्देशों के बावजूद पुलिस का रवैया नहीं बदलता या कहिए कि अधिकारी सिर्फ आदेश देते हैं आदेश को अमलीजामा पहनाने में रुचि नहीं लेते। इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में चोरी हुए एक आटो के मामले में यह प्रमाणित हो गया कि पुलिस शिकायत की रिसीविंग लेने के बाद उसे कूड़ेदान में डाल देती है,रिपोर्ट नहीं लिखती।
जानकारी के अनुसार थाना इंदिरापुरम क्षेत्र में सुनील उपाध्याय पुत्र सोमदत्त उपाध्याय निवासी ,876सी न्यायखंड इंदिरापुरम का ऑटो 23अक्टूबर 2019चोरी हुआ था। उस व्यक्ति ने घटना की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी। उसका कहना है कि उसकी सूचना पर पुलिस आई, पुलिस ने मौका मुआयना किया और उसको थाना इंदिरापुरम में रिपोर्ट लिखाने के लिए भेज दिया। उसने घटना की रिपोर्ट थाना इंदिरापुरम पुलिस को लिख कर दी और पुलिस ने एक कॉपी रिसीव कर उसे वापस कर दी।
यह आज पता चला कि पुलिस ने न तो रिपोर्ट लिखी न ऑटो को तलाशने का कोई प्रयास किया। पीड़ित और फाइनेंस कंपनी ने अपने प्रयासों से ऑटो को नोएडा सेक्टर 27 की एक पार्किंग से तलाश लिया। ऑटो को पाने के लिए जब पीड़ित ने नोएडा पुलिस को आटो दिलाने की मांग की तो पुलिस ने थाना इंदिरापुरम से चोरी की रिपोर्ट तथा जांच अधिकारी को लेकर आने को कहा। पीड़ित आज चोरी की रिपोर्ट की एफआईआर लेने थाना इंदिरापुरम पहुंचा और थाना इंदिरापुरम को शिकायत की रिसीविंग को दिखाया तो पता चला कि पुलिस ने घटना की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की है। अब पीड़ित सुनील उपाध्याय की समस्या यह है जब चोरी की घटना की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं है तो जिला नोएडा की पुलिस उसे ऑटो कैसे सोंपेगी?
जबकि पुलिस के अधिकारी बार-बार यही कहते आए हैं जनता की बात सुनी जाए और रिपोर्ट लिखी जाए। अधिकारी बदल जाते हैं सरकारें बदल जाती हैं लेकिन पुलिस की कार्यशैली नहीं बदलती। यही वजह है कि जनता की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। यह मामला एक बानगी है ।
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