- हत्या और बलात्कार की धाराओं के तहत तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग उठाई
- पीड़िता के परिवारवालों को बेरहमी से पीटने और परेशान करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की भी मांग उठाई
नई दिल्ली । घरेलू कामगार यूनियन (जी.के.यू.) ने 17 साल की दलित लड़की, नीतू, की मौत के संबंध में पुलिस की लापरवाह जाँच और उदासीन रवैये की कड़ी निंदा करता है। ज्ञात हो कि नीतू दलित समुदाय से थी, और दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में द्रुपति बंसल के घर में घरेलू कामगार के रूप में काम करती थी। उसकी रहस्यमयी परिस्थितियों में 4 अक्टूबर को मौत हो गयीद्य जीकेयू ने इस मामले के संबंध में तथा पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और उदासिनता को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त को आज एक ज्ञापन भी भेजा है।
ज्ञात हो कि पीड़िता 26 सितंबर 2020 से श्रीमती द्रुपति बंसल के घर में पूर्णकालिक घरेलू कामगार के रूप में नियुक्त थी। 4 अक्टूबर को उसने अपनी मौसी, जिसके साथ वह बचपन से रहती थी, उन्हें दिन के 3 बजे फोन किया था और अपनी परेशानी के बारे में बताया था। उसी दिन करीब ढाई-तीन घंटे बाद रहस्यमय परिस्थितियों मे उसे ड्राइवर के कमरे मे मृत पाया गया। इसके बाद उसके शव को पुलिस द्वारा एक एम्बुलंस में ले जाया गया। पुलिस ने परिवार के सदस्यों को बताया कि शव को पुलिस स्टेशन ले जाया गया है और शव को देखने के लिए परिवारवालों को पुलिस थाने आना होगा। पुलिस थाने पहुँचने पर पुलिसकर्मियों ने परिवारवालों से कहा कि उन्हें पीड़िता के शव के बारे में कुछ नहीं पता।
ज्ञात हो कि इस मामले में पुलिस का रवैया इतना उदासीन रहा है कि उसने इस मामले में न केवल एफआईआर दर्ज करने से मना किया है, बल्कि पीड़िता के शव के बारे मे चार दिन तक परिवार को सूचित भी नहीं किया। 9 अक्टूबर को पुलिस द्वारा बलपूर्वक पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया और इसमें सिर्फ कुछ ही सदस्यो को शामिल किया गया। पीडिता के परिवार ने जब बलात्कार और हत्या की एफआईआर दर्ज करानी चाही, तब पुलिस ने पीड़िता के परिवार को एक से अधिक मौकों पर बेरहमी से पीटा और परेशान किया है। इस प्रेस रिलीज को लिखते वक्त, यह पता चला कि उन कार्यकर्ताओ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है जो परिवार की मदद कर रहे थे। साथ ही, कारवां पत्रिका के एक रिपोर्टर जो इस घटना को कवर करने के लिए मौजदू थे उनपर भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
जीकेयू ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजे गये ज्ञापन में बलात्कार और हत्या के आरोपों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही यह मांग भी की गयी है कि इस मामले मे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए, क्योंकि इस मामले में स्थानीय पुलिस थाने की कार्यप्रणाली अब तक लापरवाह रही है। जीकेयू ने चेतावनी दी कि अगर नीतू की मौत के मुद्दे में अगर तुरंत न्याय नहीं मिला तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगा।
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