सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
साहिबाबाद । थाना साहिबाबाद के क्षेत्र हिंडन विहार अर्थला में दशमेश वाटिका के पास एक सूटकेस में बंद मिली युवती की लाश की गुत्थी सुलझने के बाद फिर उलझ गई है। शव की पहचान जिस महिला के रूप में की गई थी वह जिंदा है और अलीगढ़ में छुप कर रह रही है। इस मामले में बुलंदशहर नगर कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये उसके पति और ससुर दहेज हत्या में जेल की हवा खा रहे हैं। इस प्रकरण से पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है।
एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने बताया कि 27 जुलाई को सूटकेस में बंद एक युवती का शव हिंडन विहार अर्थला में दशमेश वाटिका के पास थाना साहिबाबाद पुलिस ने बरामद किया था जिसकी पहचान के लिए पुलिस द्वारा सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से पहचान की अपील की थी। शव का फोटो को देखकर महिला के भाई इसराइल निवासी अलीगढ़ जनपद ने उसे अपनी छोटी बहन वरीशा बताया था,जो 23 जुलाई से बुलंदशहर से लापता थी। बाद में उसने अपनी मां के साथ शव की पहचान वरीशा पत्नी आमिर खान निवासी इस्लामाबाद बुलंदशहर के तौर पर की थी।
इस मामले में वरीशा के लापता होने की शिकायत परिवार वालों ने 23जुलाई को थाना नगर कोतवाली बुलंदशहर में दर्ज कराई हुई थी। शव के पहचान के उपरांत थाना कोतवाली बुलंदशहर में वरीशा की दहेज के लिए हत्या की रिपोर्ट लिखाई गई । इस मामले में साहिबाबाद पुलिस ने मृतका की पहचान होने के बाद बुलंदशहर के पुलिस उपाधीक्षक एवं दहेज हत्या के विवेचक को मृतका का शव परिवार वालों के सामने सौंप दिया था। यह अच्छा रहा कि थाना साहिबाबाद पुलिस ने शव को सौंपने से पहले एतिहाद के तौर पर थाना साहिबाबाद पुलिस ने महिला के शव का जरूरी अवशेष डीएनए टेस्ट के लिए संरक्षित कर लिया था। बाद में परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन इसी जांच के क्रम में यह पता चला कि जिस महिला को वरीशा मानकर मृत मानलिया है और शव को दफनाया दिया था वह जिंदा है और अलीगढ़ में छुपकर रह रही है। अब थाना कोतवाली बुलंदशहर पुलिस वरीशा को लेने अलीगढ़ गई है।
उधर थाना साहिबाबाद की परेशानी और बढ़ गई है क्योंकि जिस महिला की पहचान शीघ्र करने के लिए एसएसपी ने 15 हजार रुपये का पुरस्कार उसे दिया था। वह सब धरी रह गई। अब थाना पुलिस ने अज्ञात महिला का शव बरामद होने के मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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