- छात्र संगठनों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा ज्ञापन
- तुरंत ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले को वापस लेने की मांग उठाई
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन(केवाईएस) ने आज अन्य संगठनों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अंतिम वर्ष छात्रों की परीक्षाएँ करवाने के फैसले के खिलाफ शास्त्री भवन पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सेदारी निभाई। इस फैसले के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध हो रहा है, लेकिन यूजीसी और एमएचआरडी अभी तक शिक्षकों और छात्रों की गंभीर चिंताओं और परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर उदासीन रवैया बनाए हुए हैं।
ज्ञात हो कि यूजीसी ने 6 जुलाई को इस फैसले के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसे उसी दिन ही एमएचआरडी द्वारा संस्तुति दे दी गयी थी। मौजूदा समय में अंतिम वर्ष के छात्रों कोविड-19 महामारी के कारण भारी मानसिक तनाव में हैं, जिस कारण से अधिकतर छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएँ दे पाना संभव नहीं है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रों को सितम्बर माह के अंत में परीक्षाएँ देनी होंगी। इससे देश भर के छात्रों में तनाव और डर व्याप्त है।
ज्ञात हो कि देश-भर में छात्रों और शिक्षकों ने कोरोना के समय परीक्षा करवाने के विश्वविद्यालय प्रशासनों, यूजीसी और मंत्रालयों के फैसले के प्रति अपनी व्यापक समस्याएँ जताई हैं।
यूजीसी दिशा-निर्देशों और एमएचआरडी की अधिसूचना से साफ है कि प्रशासन एवं अधिकारी छात्रों और शिक्षकों की चिंताओं से बिलकुल विमुख हैं। केवाईएस मांग करता है कि यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को वापस लिया जाये और नए दिशा-निर्देश जारी कर सभी छात्रों को उनकी पिछले सालों के प्रदर्शन के आधार पर प्रोमोट किया जाये। साथ ही, डीयू और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में तुरंत अंतिम सेमेस्टर/वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले को रद्द किया जाये।
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