- तुरंत यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों और एमएचआरडी द्वारा ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले को वापस लेने की मांग उठाई!
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन(केवाईएस) ने आज जाइंट फोरम फॉर मूवमेंट ऑन एडुकेशन (जेएफएमई) के आह्वान पर यूजीसी द्वारा अंतिम वर्ष छात्रों की परीक्षाएँ करवाने के दिशा-निर्देशों के खिलाफ अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस में हिस्सेदारी निभाई।
ज्ञात हो कि मौजूदा समय में अंतिम वर्ष के छात्रों कोविड-19 महामारी के कारण भारी मानसिक तनाव में हैं, जिस कारण से अधिकतर छात्रों के लिए परीक्षाएँ देना संभव नहीं है। यह भी ध्यान देने की बात है कि परीक्षाओं को लेकर जारी दिशा-निर्देशों गाइडलाइंस ने छात्रों के बीच घबराहट का माहौल पैदा किया है। यूजीसी के दिशा-निर्देश के अनुसार छात्रों को सितम्बर माह के अंत में परीक्षाएँ देनी होंगी। इससे देश भर में छात्रों में तनाव और डर व्यापत है।
देश-भर में छात्रों और शिक्षकों ने कोरोना के समय परीक्षा करवाने के विश्वविद्यालय प्रशासनों, यूजीसी और मंत्रालयों के फैसले के प्रति अपनी व्यापक समस्याएँ जताई हैं। देश भर में शिक्षक और छात्र संगठनों, उच्च शिक्षण संस्थानों के विभागों द्वारा करवाए गए सर्वेक्षणों से साफ जाहिर है कि न छात्र और न ही शिक्षक इस समय परीक्षा के पक्ष में हैं। विभिन्न परेशानियाँ जो सामने आई हैं, उनमें सिलेबस का अधूरा होना, किताबों एवं अन्य स्टडी मटेरियल की अनुपलब्धता के साथ ऑनलाइन परीक्षा देने के साधन तक पहुँच न होना, सबसे मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त, अधूरी पढ़ाई और लॉकडाउन के दौरान बेहद ही खराब स्थिति होने के कारण बहुसंख्यक छात्रों के लिए पढ़ाई करना लगभग असंभव रहा है। ऐसे में परीक्षाएँ करवाना न तो संभव है, और न ही इसकी जरूरत है।
यूजीसी दिशा-निर्देशों और एमएचआरडी की अधिसूचना से साफ है कि प्रशासन एवं अधिकारी छात्रों और शिक्षकों की चिंताओं से बिलकुल विमुख हैं। केवाईएस मांग करता है कि यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को वापस लिया जाये और नए दिशा-निर्देश जारी कर सभी छात्रों को उनकी पिछले सालों के प्रदर्शन के आधार पर प्रोमोट किया जाये। साथ ही, डीयू और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में तुरंत अंतिम सेमेस्टर/वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले को रद्द किया जाये।
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