सर्वोदय शांतिदूत ब्यूरो
वसुंधरा । सेक्टर 15 वसुंधरा गाजियाबाद में आवास विकास परिषद द्वारा बनाए गए शिखर एन्क्लेव सोसायटी के यूजीआर के लिए बनाए गए बिजली के उपकरणों का पैनल बॉक्स की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई है तथा कार्यालय एक्शन मोड में आ गया है। शिखर एंकलेव सोसायटी के लोगों का आरोप है कि यूजीआर सिस्टम के लिए बिजली के उपकरणों को चलाने में तकनीकी दोष है तथा यह जानलेवा है। खतरनाक जगह पर लगे यूजीआर के पैनल बॉक्स के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जानकारी के अनुसार सेक्टर 15 वसुंधरा में आवास विकास परिषद उत्तर प्रदेश ने शिखर एन्क्लेव नाम की एक अति महत्वाकांक्षी सोसाइटी बनाई थी। जिसके रखरखाव और तकनीकी कारणों से चर्चा आए दिन अखबारों और अधिकारियों के सामने आ रही है। ताजा मामला यूजीआर सिस्टम का है। निवासियों का कहना है कि बिजली के उपकरणों का पैनल बाक्स चलाने के लिए आवास विकास परिषद द्वारा बनाए गया भूमिगत पैनल बाक्स (यूजीआर) खतरनाक जगह पर है तथा इन्हें चालू करने के लिए कोई भी कर्मचारी या तकनीशियन अंदर जाने से घबराता है। यूजीआर की तकनीकी खामी की शिकायत आवास विकास परिषद के सक्षम अधिकारियों के सामने आबंटियों ने रखी लेकिन आरोप है कि उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और उल्टा इसे अपने तकनीकी अधिकारियों की नजर में ठीक बताया।
इस संबंध में सी० 301 निवासी संदीप गुप्ता ने यह मामला अधिकारियों के सामने रखा था और जब अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो वे इस मामले को मुख्यमंत्री दरबार तक ले गए। इस संबंध में उन्होंने बताया है कि यूजीआर का रास्ता संकरा है तथा आवास विकास परिषद द्वारा इसमें सुरक्षा के जरूरी इंतजाम नहीं किये गये हैं। यहां कभी भी शॉर्ट सर्किट के कारण आगजनी हो सकती है और बड़ा हादशा हो सकता है। हादशे के भय से कोई भी कर्मचारी यूजीआर को चालू करने से डरता है। साथ ही यहां के निवासियों ने इसके लिए आवास विकास परिषद के अधिकारियों से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा यूजीआर आदि के लिए जारी विद्युत सुरक्षा सर्टिफिकेट दिखाने को कहा लेकिन उन्हें नहीं दिखाया गया।
इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए अजय कुमार ओझा, अनु सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ ने प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड से इस संबंध में शीघ्र यथोचित कार्यवाही किए जाने की अपेक्षा की है । साथ ही उन्होंने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट 28 जुलाई 2020 तक उन्हें देने को कहा है। ताकि यूजीआर के सुरक्षा इंतजाम को भली भांति जांचा जा सके और जोखिम का खतरा न हो।
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