- केवाईएस छात्र-शिक्षक कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा करता है
- डीयू द्वारा ऑनलाइन परीक्षा के फैसले को तुरंत वापस लेने और सभी छात्रों को प्रोमोट करने की मांग करता है
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज एआईएसए, एसएफआई, कलेक्टिव एवं अन्य संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय पर ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में डीयू के शिक्षक भी शामिल हुए। संगठन इस मुद्दे पर आज एक सोशल मीडिया अभियान भी चला रहे हैं। ज्ञात हो कि विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद छात्र-शिक्षक कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी सुरक्षात्मक एहतियात जैसे शारीरिक डिस्टेन्सिंग इत्यादि का पालन किया गया। बाद में छात्रों-शिक्षकों के दबाव में सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ा गया। केवाईएस पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने की कड़ी भर्त्सना करता है।
ज्ञात हो कि विभिन्न कालेजों, विश्वविद्यालयी विभागों डूटा और छात्र संगठनों द्वारा करवाए गए सर्वे में छात्रों और शिक्षकों ने ओपन बुक परीक्षा के प्रति अपनी व्यापक समस्याएँ जताई हैं। इन सर्वेक्षणों से साफ जाहिर है कि न छात्र और न ही शिक्षक ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में हैं। साथ ही, लॉकडाउन और कोरोना महामारी के चलते छात्रों और उनके परिवारों को हो रही समस्याएँ भी इन सर्वेक्षणों के माध्यम से डीयू प्रशासन को ज्ञात कारवाई गई हैं। पर्याप्त पढ़ाई न करवाए जाने और बेहद ही खराब स्थिति में पढ़ने को मजबूर छात्र दिखाते हैं कि ऑनलाइन परीक्षा का फैसला न तो सही है, और न ही ऐसे परीक्षाएँ संभव हैं। परंतु, डीयू प्रशासन छात्रों की समस्याओं पर उदासीन रवैया अख्तियार किए हुए है, जिससे साफ दिखता है कि डीयू प्रशासन छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रहा है।
छात्रों को हो रही परेशानियों के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है और उसके द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश इस बात के द्योतक हैं, सिर्फ एक बार कहकर लिए जा रहे कदमों से छात्रों का भविष्य दांव पर लगाया जा रहा है। डीयू प्रशासन के अनुसार जो छात्र ऑनलाइन परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे, उनके लिए परंपरागत तरीके से बाद में परीक्षाएँ कारवाई जाएंगी, जिसके बारे में उन्हें सितंबर में सूचित किया जाएगा। इस तरह से अलग-अलग पद्धति द्वारा छात्रों का मूल्यांकन करने से एक तो सभी के लिए समान मापदंड का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, बल्कि छात्रों को समानता के अवसर के भी वंचित किया जा रहा है।
केवाईएस मांग करता है कि सभी रेगुलर और कॉरेस्पोंडेंस छात्रों के व्यापक हित को देखते हुए डीयू द्वारा ऑनलाइन/ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। साथ ही, सभी छात्रों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाना चाहिए। साथ ही, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के प्रथम वर्ष के छात्रों (जिनका कोई भी पिछला अकादमिक प्रदर्शन नहीं है) उनको अगले साल में उत्तीर्ण किया जाना चाहिए और हालात सही होने के बाद उनकी परीक्षा ली जानी चाहिए। आने वाले दिनों में केवाईएस डीयू के इस तानाशाही फैसले के खिलाफ आंदोलन को और तेज करेगा।
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