सर्वोदय २ाांतिदूत ब्यूरो
गाजियाबाद । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0/विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश २ाासन के निर्देशों के क्रम में क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र, गाज़ियाबाद द्वारा विज्ञान लोकप्रियकरा एवं संचार कार्यक्रम के अन्तर्गत 04 मार्च 2020 को प्रातः 10: 30 से अपराह्न 2 बजे तक राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2020 के उपलक्ष्य में विज्ञान महोत्सव का आयोजन विज्ञान वाटिका, डाॅ0 २यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क, कविनगर इंण्डस्ट्रीयल एरिया, ग़ाज़ियाबाद में किया गया।
श्री सुरेश चन्द्र २ार्मा, वैज्ञानिक अधिकारी, गाज़ियाबाद ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। विज्ञान के बिना विकास की राह में तीव्रता से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। विज्ञान से गलत धारणा और अंधविश्वासों का विनाश होता है। विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्ध करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र में मौका देकर नई उचाइंयांे को हासिल करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का प्रसार आवश्यक है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे आयोजन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध हो सकते हैं। विज्ञान के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2020 का मुख्य विषय ’’विज्ञान में महिला,ं’’ हैं।
श्री आशीष जेटली, निदेशक, औद्योगिक विकास प्रशिक्षण संस्थान, गाज़ियाबाद ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से ही हर साल 28 फरवरी को पूरे भारत में मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन
प्रभाव की खाजे के कारण मनाया जाता है । इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक सर चद्रशेखर वेकंट रमन सर सी वी रमन ने 28 फरवरी सन् 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। यह किसी भी भारतीय व एशियन व्यक्ति द्वारा जीता गया पहला नोबल पुरस्कार था। हम सभी को अपने रोल माॅडल के रूप में सर सी वी रमन को अपनाना चाहिए तथा अपने जीवन २ौली में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करने के लिए तैयार रहना है।
इस अवसर पर सुश्री रोहिणी गोले, विज्ञान संचारक ने चमत्कारो की वैज्ञानिक व्याख्या का प्रदर्शन कर ढ़ोगी बाबाओं की पोल खोली साथ ही विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें विज्ञान माॅडल प्रतियोÛिता में सौरभ, चदंन व सोनिेया को प्रथम स्थान, विवके को द्वितीय स्थान तथा काजल को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में प्रकाशित विज्ञान समाचार कतरनों की प्रदर्शनी में कु0 यमुना को प्रथम, कु0 मानसी को द्वितीय स्थान तथा कु0 सोनिया को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। ख्याति प्राप्त प्राचीन व आधुनिक महिला वैज्ञानिकों की चित्र प्रदर्शनी में कु0 ईशू को प्रथम, अनुज, कु0 भूमि एवं अमित को द्वितीय तथा कु0 पिकंीं को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
औषधीय, सगंध व अलंकारी पौधों की प्रदर्शनी मंे खुशी व अंशिका को प्रथम स्थान, आयशा को द्वितीय तथा तनू को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विज्ञान प्रश्नोत्तरी में कु0 बेबी को प्रथम, अमन को द्वितीय तथा माही को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कु0 प्रतिष्ठा, कु0 सोनिया, कु0 आशा एवं क0ु उर्वशी को उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसपर श्रीमती अनुराधा, ए0आर0पी0 विज्ञान, भोजपुर, डाॅ0 विवेक सुदर्शन, सुश्री रोहिणी गोले, श्री शलभ शर्मा, श्री कौशल दडौतिया, श्री सतीश कुमार, श्रीमती अर्चना आहूजा, श्रीमती सीमा सरहदी आदि उपस्थित रहे।
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