अशफाक उल्ला खान और रामप्रसाद बिस्मिल की शहादत की याद में
हजारों की संख्या में देश भर से लोगों को हिरासत में लेने से देश में अघोषीत आपातकाल की स्थिति
दिल्ली में मनमाने ढंग से धारा 144 लागू कर पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । क्रांतिकारी युवा संगठन(केवाईएस) और अन्य जनतांत्रिक और प्रगतिशील संगठनों ने मिलकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर ब्।। और छत्ब् के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन में हिस्सेदारी निभाई।
दिल्ली के विभिन्न संगठनों ने मिलकर दिल्ली में शांतिपूर्ण विरोध मार्च का आयोजन किया था। पूर्व में दिल्ली के लाल किला और मंडी हाउस से शांतिपूर्ण विरोध मार्च शुरू होकर शहीद पार्क, आईटीओ में समाप्त होना था। शहीद पार्क में काकोरी षड्यंत्र के क्रांतिकारी शहीदों अशफाक उल्ला खान और रामप्रसाद बिस्मिल की शहादत याद करते हुए ‘साझा शहादत, साझा विरासत, साझी नागरिकता’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मनमानी पूर्ण तरीके से विरोध रैली की अनुमति वापस ले ली। पुलिस ने अन्यायपूर्ण तरीके से धारा 144 लगाकर, आम जन के लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन किया। पुलिस ने एकत्रित होने के दोनों स्थानों से आमजनों को हिरासत में लेकर दूर दराज ईलाकों में ले जाकर देर शाम को छोड़ा।
हालांकि विरोध के स्वर बुलंद करते हुए केवाईएस और आम जनों ने जंतर-मंतर पर एकत्रित होना शुरू किया। भारी संख्या में आम जनों ने जंतर-मंतर पहुच कर ब्।। और छत्ब् के खिलाफ अपना आक्रोश दर्ज कराया। ज्ञात हो इसी तरह से देश के प्रमुख शहरों जैसे चंडीगढ़, लखनऊ, पूणे, कलकत्ता, हैदराबाद और बेंगलुरु इत्यादि में भी पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति वापस ली गयी है। पुलिस ने मनमाने पूर्ण तरीके से आयोजकों को हिस्सा लेने वाले आम जनों को हिरासत में लिया है। देश भर मे पुलिस द्वारा हजारों की संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिससे देश में अघोषित आपातकाल के हालत हैं। लखनऊ में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर भी पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की खबरें मिल रही है।
जंतर-मंतर पर एकत्रीत हुई आम जनता ने जामिया मुस्लिम यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। ज्ञात हो 15 तारीख को हुए लाठीचार्ज से बड़ी संख्या में छात्र जख्मी हुए थे जिन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल व अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जबरन छात्रों के हॉस्टल खाली कराए, विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों के मारपीट की। केवाईएस जामिया और अलीगढ़ में स्थिति को नियंत्रण में लाने के नाम पर छात्रों पर हुई पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गलत ठहराते हुए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्यवाई की मांग को एक बार फिर से दोहराता है।
केवाईएस मानता है कि लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति, धर्मनिरपेक्षता और न्याय के सिद्धांतों की रक्षा बेहद जरूरी है। साथ ही देश भर में प्रदर्शनों पर पुलिस द्वारा रोक लगाना आम जनता के जनतांत्रिक अधिकारों का हनन है और बेहद निंदनीय है।
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