नयी दिल्ली । श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक के बाद एक चुनाव जीत रही भारतीय जनता पार्टी को पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों में तगड़ा झटका लगा है और छत्तीसगढ, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस उसको पछाड़ कर सरकार बनाती दिख रही है।
इन तीन राज्यों में अच्छे प्रदर्शन से जहां कांग्रेस को संजीवनी मिली है लेकिन उसे तेलंगाना और मिजोरम में करारी हार का सामना करना पड़ा है। मिजोरम में हार के साथ ही वह पूर्वोत्तर में सभी राज्यों में सत्ता से बाहर हो गयी है वहीं तेलंगाना में उसका तेलुगु देशम पार्टी के साथ गठबंधन का दांव विफल हो गया। तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट ने शानदार जीत हासिल की है।
देर शाम तक मिले परिणामों और रूझाानों के अनुसार छत्तीसगढ में कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिलना तय हो गया वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में वह बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। राजस्थान में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बहुमत का जादुई आंकडा हासिल कर लिया है लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा के साथ चल रही कड़ी टक्कर के कारण अभी तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। भाजपा के कमजोर प्रदर्शन से रमन सिंह का लगातार चौथी बार छत्तीसगढ में मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया है। श्री सिंह ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। मध्य प्रदेश में श्री शिवराज सिंह चौहान को भी लगातार चौथी पारी मिलना मुश्किल लग रहा है।
अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि तीन राज्यों में हमने भाजपा को हराया है और 2019 के आम चुनाव में भी उसे पराजित करेंगे। दूसरी तरफ भाजपा के खेमे में चुप्पी है और पार्टी के किसी प्रमुख केन्द्रीय नेता ने कोई बयान नहीं दिया है।
भाजपा की सबसे बुरी हालत छत्तीसगढ में हुई जहां 15 साल से सत्तारूढ इस पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया और उसके कई बडे नेता तथा मंत्री हार गये। पार्टी की जीत के साथ कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर अटकलबाजी तेज हो गयी है। पार्टी ने वहां किसी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन का प्रयोग सफल नहीं हुआ।
राजस्थान के मतदाताओं ने हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को जारी रखते हुए इस बार कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया है। पार्टी का मुख्यमंत्री कौन होगा यह तय करने के लिए बुधवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलायी गयी है। भाजपा को राज्य में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लोगों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सबसे बडी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है लेकिन भाजपा भी उससे ज्यादा पीछे नहीं है। दोपहर बाद से कांग्रेस और भाजपा की सीटों की संख्या जिस तरह से घट बढ रही है उसमें पूरे परिणाम आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। कांग्रेस को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का साथ भी मिल सकता है। बसपा दो और सपा एक सीट पर आगे चल रही है।
तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का समय से पहले चुनाव कराने का दांव सफल रहा और उनकी पार्टी ने पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए लगभग तीन चाैथाई बहुमत हासिल किया है। श्री राव के साथ साथ उनके पुत्र और भतीजे ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है।
मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा की 26 सीटों पर जीत दर्ज कर मिजो नेशनल फ्रंट ने दो तिहाई बहुमत के साथ दस साल बाद सत्ता में वापसी की है। पिछले दस वर्ष से सत्तारूढ कांग्रेस को केवल पांच सीट मिली हैं। मुख्यमंत्री लालथनवाला को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
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